Supreme Court of India – Kya hai is waqt desh ki sabse badi nyayalaya ki halat?
Supreme Court ka परिचय :
Supreme Court Of India एक ऐसी संस्था है जो देश के सारे बड़े मामलो पर अंतिम निर्णय देती है, और संविधान की रक्षा करती है । Supreme Court Of India की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी और इसका काम है बीना पक्षपात के न्याय करना।
क्या कोर्ट के पास तीन प्रमुख शक्तियां हैं:
- मूल अधिकार क्षेत्र - मौलिक अधिकार या राज्य विवाद
- अपीलीय क्षेत्राधिकार - अपील के विरुद्ध उच्च न्यायालयों का निर्णय
- सलाहकार क्षेत्राधिकार - राष्ट्रपति के सवालों का कानूनी जवाब
आजकल Supreme Court Of India सुर्ख़ियों में है - पर न्याय के लिए नहीं अपने जजों के लिए ।
Suprime Court Of India का इतिहास :
Supreme Court की शुरुआत ब्रिटिश राज में Federal Court Of India (1937) में हुई थी। Supreme Court Of India की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 124 के अंतर्गत 1950 में की गई । Harilal J. Kania पहले Chief Justice of इंडिया थें ।
तब से लेकर आज तक इस न्यायलय ने ऐसे कई न्याय किये हैं जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं ।
Justice यशवंत वर्मा Case : न्यायपालिका के अन्दर बड़ी खबर:
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घर में आग और ,Cash का मिलना
Justice यशवंत वर्मा जो एक Supreme के Judge थे उनके घर में मार्च 2025 में आग लग गई थी । जब अग्निसमन दल आग बुझा रहा था तो उन्हें जले हुए नोटों की गड्डियां मिली । तहकीकात होने के बाद पता चला की वहां करोडों की नगदी छुपाई गई थी ।
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Supreme Court जांच कमिटी
Supreme Court ने इसपर एक जांच कमिटी बनाई जिसमे 55 लोगों के बयान लिए गए । कमिटी नें कहा की :
- इन पैसों को गैर कानूनी ढंग से छुपाया गया था ।
- कुछ लोगों नें इसे छुपाने के लिए जला दिया
- Justice Verma पर गंभीर दुराचार का आरोप है ।
Justice Verma को इलाहाबाद उच्चन्यायालय में Transfer कर दिया गया है । फिलहाल उन्हें ससपेंड कर दिया गया है ।
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Justice Verma का पक्ष :
- उन्होंने कहा मुझे cross-examination का मौका नहीं मिला ।
- जांच में पक्षपात हुआ था ।
- जांच के नियमों का उलंघन हुआ था ।
उनकी याचिका "XXX vs Union of India" दाखिल हुई है और 28 जुलाई 2025 को उसपर सुनवाई होने वाली है ।
संसद में हंगामा और महाभियोग प्रस्ताव :
- लोकसभा में 200 से अधिक सांसदों ने प्रस्ताव रखा है Justice Verma को हटाने के लिए ।
- विवाद तब बढ़ गया जब राज्यसभा में ये प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ ।
- विपक्ष का कहना है की सरकार नें सही तरीके से काम नहीं किया ।
- राजनीति में बहस चल रही है की ये महाभियोग सही है या नहीं ।
Supreme Court of India के महत्वपूर्ण फैसले – 2024–2025
- वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025: कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
- मतदाता सूची (बिहार): 35 लाख मतदाता सूची से गायब हैं। SC ने चुनाव आयोग को नोटिस दिया
- हिरासत में यातना (जम्मू-कश्मीर पुलिस): सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच करने को कहा और पीड़ित को मुआवजा देने को कहा।
- तमिलनाडु के राज्यपाल का मामला: राज्यपाल कोई भी राज्य विधेयक को अनिश्चित काल तक विलंबित नहीं कर सकते - सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट फैसला।
- दविंदर सिंह फैसला: एससी/एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण को वैध घोषित किया गया।
Supreme Court of India और सामाजिक न्याय :
सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा सामाजिक न्याय (सामाजिक न्याय) के लिए काम किया है। चाहे बात हो एलजीबीटीक्यू अधिकारों की, महिला सशक्तिकरण की, या अल्पसंख्यक सुरक्षा की, कोर्ट ने कोई प्रगतिशील फैसले दिए हैं। निजता का अधिकार (2017) और तीन तलाक मामला (2019) ने दिखाया कि कोर्ट समय के साथ विकसित हो रहा है।
कुछ जरुरी अनुच्छेद जो जानने चाहिए :
- अनुच्छेद 124 - सर्वोच्च न्यायालय का गठन
- अनुच्छेद 136 - विशेष अनुमति याचिका का अधिकार
- अनुच्छेद 141 - सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय सभी न्यायालयों के लिए बाध्यकारी होते हैं
- अनुच्छेद 32 - संवैधानिक उपचारों का अधिकार (डॉ. अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा कहा था)
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