जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम् से हटवा दिया था मां दुर्गा का जिक्र, BJP ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम् से हटवा दिया था मां दुर्गा का जिक्र, BJP ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर एक गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि नेहरू ने वंदे मातरम् गीत में से मां दुर्गा का जिक्र हटवा दिया था। यह आरोप ऐसे समय में आया है जब देश में वंदे मातरम् को लेकर बहस चल रही है और कुछ राजनीतिक दल इस गीत को गाने का विरोध कर रहे हैं। इस आरोप के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है और कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
घटना का सारांश — कौन, क्या, कब, कहाँ
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर वंदे मातरम् गीत से मां दुर्गा का जिक्र हटाने का आरोप लगाया। यह आरोप 1 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाया गया। भाजपा प्रवक्ता ने कथित ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर यह दावा किया, जिसके बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम् से हटवा दिया था मां दुर्गा का जिक्र, BJP ने कांग्रेस पर लगाए आरोप — प्रमुख बयान और संदर्भ
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम् गीत की मूल भावना को बदलने की कोशिश की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने गीत में से मां दुर्गा का जिक्र इसलिए हटवाया क्योंकि वे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे थे। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति और परंपराओं के प्रति उदासीनता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेहरू जी ने वंदे मातरम् जैसे देशभक्ति गीत को भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश की।"
इस आरोप का संदर्भ वंदे मातरम् गीत का ऐतिहासिक महत्व और स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी भूमिका है। वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है और इसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। यह गीत भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। भाजपा का आरोप है कि नेहरू ने इस गीत के मूल स्वरूप को बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। यह आरोप ऐसे समय में लगाया गया है जब देश में राष्ट्रवादी भावनाएं प्रबल हो रही हैं, जिससे यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है।
पार्टियों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और नेहरू की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि नेहरू हमेशा धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर थे और उन्होंने कभी भी किसी धर्म या समुदाय का अपमान नहीं किया। कांग्रेस ने भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है।
विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। कुछ दलों ने भाजपा के आरोपों का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं, जिससे राजनीतिक ध्रुवीकरण और बढ़ गया है।
राजनीतिक विश्लेषण — प्रभाव और मायने
भाजपा के इस आरोप का भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यह आरोप कांग्रेस और नेहरू की छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इससे भाजपा को अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस मुद्दे को आगामी चुनावों में भुनाने की कोशिश करेगी।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि यह मुद्दा धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है। ऐसे में, इस मुद्दे पर बहस से समाज में विभाजन और बढ़ सकता है। इस मुद्दे का दीर्घकालिक प्रभाव अभी तक अनिश्चित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इससे भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है।
क्या देखें
- क्या कांग्रेस भाजपा के आरोपों का जवाब देगी?
- क्या इस मुद्दे पर कोई कानूनी कार्रवाई होगी?
- इस घटना से कांग्रेस की छवि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- इस मुद्दे का आगामी चुनावों पर क्या असर होगा?
निष्कर्ष — आगे की संभावनाएँ
भाजपा द्वारा जवाहरलाल नेहरू पर वंदे मातरम् से मां दुर्गा का जिक्र हटाने का आरोप एक गंभीर मामला है। इस आरोप से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे का आगे क्या नतीजा निकलता है। आने वाले दिनों में, दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाओं पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है। भारतीय राजनीति में आगे क्या होगा, यह कहना मुश्किल है, लेकिन यह तय है कि आने वाले दिन देश के लिए महत्वपूर्ण होंगे। भविष्य में होने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
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