'क्या रेवंत रेड्डी ने इस्लाम कबूल कर लिया है?' हिंदू देवी-देवताओं पर CM के बयान से भड़की बीजेपी
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) हाल ही में एक विवादित बयान देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर आ गए हैं। रेड्डी के इस बयान को हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताते हुए बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और उनसे माफी मांगने की मांग की है। मामला इतना बढ़ गया है कि सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमा गया है और लोग अपनी राय रख रहे हैं।
'क्या रेवंत रेड्डी ने इस्लाम कबूल कर लिया है?' हिंदू देवी-देवताओं पर CM के बयान से भड़की बीजेपी
घटना का सारांश — कौन, क्या, कब, कहाँ
हैदराबाद, 8 नवंबर, 2025: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए बयान के बाद विवाद शुरू हुआ। रेड्डी ने कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं के बारे में कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं, जिन्हें बीजेपी ने अपमानजनक माना है। यह घटनाक्रम 5 नवंबर, 2025 को हैदराबाद में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुआ, जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) ने रेड्डी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रेड्डी जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में प्रदर्शन किए और रेड्डी के इस्तीफे की मांग की।
'क्या रेवंत रेड्डी ने इस्लाम कबूल कर लिया है?' हिंदू देवी-देवताओं पर CM के बयान से भड़की बीजेपी — प्रमुख बयान और संदर्भ
विवाद की जड़ में रेड्डी का वह बयान है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि कुछ हिंदू देवी-देवता 'शक्तिशाली' नहीं हैं। इस बयान को बीजेपी ने हिंदू धर्म का अपमान बताया और रेड्डी पर 'धर्म विरोधी' होने का आरोप लगाया। बंडी संजय कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "क्या रेवंत रेड्डी ने इस्लाम कबूल कर लिया है? वह हिंदू देवी-देवताओं का अपमान क्यों कर रहे हैं? उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा हम राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।"
रेवंत रेड्डी की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने रेड्डी का बचाव करते हुए कहा है कि बीजेपी इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रही है और राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रेड्डी का बयान संदर्भ से बाहर निकालकर पेश किया गया है और उनका इरादा किसी भी धर्म का अपमान करने का नहीं था।
इस बीच, सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है। ट्विटर और फेसबुक पर #RevanthReddyApologize और #BJPProtests जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं, जिनमें से कुछ रेड्डी के बयान का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ उनकी आलोचना। कुछ यूजर्स ने रेड्डी के पुराने बयानों और वीडियो को भी शेयर किया है, ताकि उनकी 'धर्म विरोधी' छवि को उजागर किया जा सके।
पार्टियों की प्रतिक्रिया
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रेड्डी का बयान कांग्रेस पार्टी की 'तुष्टीकरण' की राजनीति का हिस्सा है। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही हिंदू धर्म का अपमान करती रही है और रेड्डी का बयान उसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता कांग्रेस की 'हिंदू विरोधी' नीतियों को अच्छी तरह समझती है और उन्हें इसका जवाब देगी।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। सिंह ने कहा कि रेड्डी एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और उन्होंने कभी भी किसी धर्म का अपमान नहीं किया है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करती है, ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेता के. टी. रामाराव (K. T. Rama Rao) ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों (बीजेपी और कांग्रेस) को इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए। रामाराव ने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और किसी भी नेता को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हों। उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना सरकार सभी धर्मों के लोगों के साथ समान व्यवहार करती है और किसी भी तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेगी।
राजनीतिक विश्लेषण / प्रभाव और मायने
रेवंत रेड्डी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब तेलंगाना में अगले विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बयान का राजनीतिक असर निश्चित रूप से होगा। बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी, ताकि वह राज्य में अपनी पकड़ मजबूत कर सके। वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर सफाई देनी होगी और यह साबित करना होगा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुद्दे का असर राज्य के वोट बैंक पर पड़ सकता है। तेलंगाना में हिंदू आबादी का एक बड़ा हिस्सा है और अगर बीजेपी इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से उठाने में सफल रही, तो कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस के पास अभी भी मौका है कि वह इस मुद्दे को संभाल ले और जनता को यह समझा सके कि रेड्डी का इरादा किसी भी धर्म का अपमान करने का नहीं था।
इस घटनाक्रम से यह भी पता चलता है कि भारत में धार्मिक मुद्दे कितने संवेदनशील हैं और राजनीतिक पार्टियां इनका इस्तेमाल किस तरह से करती हैं। नेताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके बयान से किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाएं आहत न हों। साथ ही, जनता को भी इस बात को समझना चाहिए कि राजनीतिक पार्टियां अक्सर धार्मिक मुद्दों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करती हैं और उन्हें ऐसे मुद्दों पर सोच-समझकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
क्या देखें
- रेवंत रेड्डी का आधिकारिक बयान: क्या रेड्डी इस मुद्दे पर अपनी सफाई देंगे या माफी मांगेंगे?
- बीजेपी का आगे का रुख: क्या बीजेपी इस मुद्दे पर और आंदोलन करेगी या इसे यहीं खत्म कर देगी?
- कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया: क्या कांग्रेस पार्टी रेड्डी का बचाव करेगी या उनसे किनारा कर लेगी?
- राज्य के वोट बैंक पर असर: क्या इस मुद्दे का असर तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा?
- सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर किस तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं?
निष्कर्ष — आगे की संभावनाएँ
रेवंत रेड्डी के बयान पर विवाद अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रेड्डी और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को किस तरह से संभालते हैं और इसका राज्य के वोट बैंक पर क्या असर पड़ता है। फिलहाल, यह मुद्दा तेलंगाना की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
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